आज इंटर्नेट पे है हर चीज़ का दारो मदार
डा.अहमद अली बर्क़ी आज़मी
खोले हैँ इंफ़ार्मेशन टेक्नोलोजी ने ये द्वार
आज इंटर्नेट पे है हर चीज़ का दारो मदार
हो गए हैँ बुद्धिजीवी और लेखक हाईटेक
व्यक्त करते हैँ ब्लागस्पाट पर अपने विचार
लिख रहा है लेख अपने ब्लागवाणी पर कोई
है किसी को सिर्फ बस चिट्ठाजगत पर एतबार
लेखकोँ मे बढ रहा है अब ब्लागिंग का चलन
पाठकोँ को रहता है हर वक्त इसका इंतेज़ार
आधुनिक युग मेँ यह है प्रचार का साधन नया
विश्व मेँ है अब ब्लागिंग एक उत्तम कारोबार
हो प्रदूषण की समस्या या ग्लोबल वार्मिंग
सामयिक विषयोँ पे मैँ भी व्यक्त करता हूँ विचार
है सशक्त अभिव्यक्ति का यह माध्यम अहमद अली
इस लिए मैँने किया है आज इसको अख़्तेयार
Saturday, June 28, 2008
Friday, June 20, 2008
आज ग्रसित है प्रदूषण से हमारा वर्तमान
आज ग्रसित है प्रदूषण से हमारा वर्तमान
डा. अहमद अली बर्क़ी आज़मी
है प्रदूषण की समस्या राष्ट्रव्यापी सावधान
कीजिए मिल जुल के जितनी जल्द हो इसका निदान
है गलोबलवार्मिंग अभिषाप अन्तर्राष्ट्रीय
इससे छुटकारे की कोशिश कार्य है सबसे महान
हो गई है अब कयोटो सन्धि बिल्कुल निष्क्रिय
ग्रीनहाउस गैस है चारोँ तरफ अब विद्यमान
आज विकसित देश क्यूँ करते नहीँ इस पर विचार
विश्व मेँ हर व्यक्ति को जीने का अवसर है समान
हर तरफ प्राकृति का प्रकोप है चिंताजनक
ले रही है वह हमारा हर क़दम पर इम्तेहान
पूरी मानवता तबाही के दहाने पर है आज
इस से व्याकुल हैँ निरन्तर बच्चे बूढे और जवान
ग्रामवासी आ रहे हैँ अब महानगरोँ की ओर
है प्रदूषण की समस्या हर जगह बर्क़ी समान
डा. अहमद अली बर्क़ी आज़मी
है प्रदूषण की समस्या राष्ट्रव्यापी सावधान
कीजिए मिल जुल के जितनी जल्द हो इसका निदान
है गलोबलवार्मिंग अभिषाप अन्तर्राष्ट्रीय
इससे छुटकारे की कोशिश कार्य है सबसे महान
हो गई है अब कयोटो सन्धि बिल्कुल निष्क्रिय
ग्रीनहाउस गैस है चारोँ तरफ अब विद्यमान
आज विकसित देश क्यूँ करते नहीँ इस पर विचार
विश्व मेँ हर व्यक्ति को जीने का अवसर है समान
हर तरफ प्राकृति का प्रकोप है चिंताजनक
ले रही है वह हमारा हर क़दम पर इम्तेहान
पूरी मानवता तबाही के दहाने पर है आज
इस से व्याकुल हैँ निरन्तर बच्चे बूढे और जवान
ग्रामवासी आ रहे हैँ अब महानगरोँ की ओर
है प्रदूषण की समस्या हर जगह बर्क़ी समान
Monday, June 16, 2008
طوفان نرگسToofan e Nargis
طوفان نرگس
آج ماینمار ھے طوفان نرگس کا شکار
ھے گلوبل وارمنگ کا اس پہ یہ بھرپور وار
کیجئے راہ عمل مل جل کے کوئی اختیار
ورنہ آتے ھی رھینگے یہ حوادث بار بار
ھو گئے برباد لاکھوں ھیں ھزاروں لاپتہ
لوٹنے کا لوگ جن کے کر رھے ھیں انتظار
جا بجا بکھرے ھوئے ھیں ھر طرف لاشوں کے ڈھیر
بچ گئے ھیں جو انھیں ھے اب مدد کا انتظار
یہ ھے فطرت کے توازن کے بگڑنے کا عمل
آ رھا ھے ایک طوفان حوادث بار بار
کوئی پیمان کیوٹو پر نھیں کرتا عمل
ان مسائل کے لئے ھے نوع انساں ذمہ دار
اب بھی گر سوچا نہ اس آغاز کے انجام پر
آج ماینمار ھے کل ھوگا اس کا ھم پہ وار
پھلے ریٹا آیا پھر کٹرینا اور نرگس نے آج
کردیا ھے دامن انسانیت کو تار تار
آج ھے درکار ان کو بین الاقوامی مدد
جو ھیں ماینمار میں طوفان نرگس کے شکار
آج ھیں ھر ملک کو درپیش ایسے سانحے
پھلے بنگلادیش تھا سیلاب و طوفاں کا شکار
ھر طرح کا ھے پلوشن باعث سوحان روح
اس سے بچنے کی کریں تدبیر فورا اختیار
وقت کی ھے یہ ضرورت آج اے احمد علی
رکھیں فطرت کے توازن کو ھمیشہ برقرار
آج ماینمار ھے طوفان نرگس کا شکار
ھے گلوبل وارمنگ کا اس پہ یہ بھرپور وار
کیجئے راہ عمل مل جل کے کوئی اختیار
ورنہ آتے ھی رھینگے یہ حوادث بار بار
ھو گئے برباد لاکھوں ھیں ھزاروں لاپتہ
لوٹنے کا لوگ جن کے کر رھے ھیں انتظار
جا بجا بکھرے ھوئے ھیں ھر طرف لاشوں کے ڈھیر
بچ گئے ھیں جو انھیں ھے اب مدد کا انتظار
یہ ھے فطرت کے توازن کے بگڑنے کا عمل
آ رھا ھے ایک طوفان حوادث بار بار
کوئی پیمان کیوٹو پر نھیں کرتا عمل
ان مسائل کے لئے ھے نوع انساں ذمہ دار
اب بھی گر سوچا نہ اس آغاز کے انجام پر
آج ماینمار ھے کل ھوگا اس کا ھم پہ وار
پھلے ریٹا آیا پھر کٹرینا اور نرگس نے آج
کردیا ھے دامن انسانیت کو تار تار
آج ھے درکار ان کو بین الاقوامی مدد
جو ھیں ماینمار میں طوفان نرگس کے شکار
آج ھیں ھر ملک کو درپیش ایسے سانحے
پھلے بنگلادیش تھا سیلاب و طوفاں کا شکار
ھر طرح کا ھے پلوشن باعث سوحان روح
اس سے بچنے کی کریں تدبیر فورا اختیار
وقت کی ھے یہ ضرورت آج اے احمد علی
رکھیں فطرت کے توازن کو ھمیشہ برقرار
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